Paytm पर RBI के फैसले का सीधा मतलब जाने?

Paytm पर RBI के फैसले का सीधा मतलब जाने

Paytm पर RBI के फैसले का सीधा मतलब जाने?

Paytm एक ऐसा नाम जो हममें से ज्यादातर लोगों ने सुना होगा सुना नहीं होगा तो कहीं न कहीं उसका क्यूआर कोड देखा जरूर होगा, जी हाँ अगर आप भी Paytm का इस्तेमाल करते हैं या करने की तैयारी कर रहे हैं तो संभल जाइए आरबीआई ने Paytm के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं जिनका असर Paytm के ग्राहकों पर भी पड़ेगा। 

भारतीय रिजर्व बैंक ने Paytm Payments Bank पर रोक लगाते हुए कहा है कि Paytm की यह सेवा उनतीस फरवरी दो हज़ार चौबिस के बाद रोक दी जाएगी वजह बताया कि Paytm ने नियमों का उल्लंघन किया है। इसके बाद अगले दिन यानी एक फरवरी को ट्रेड शुरू होने से पहले ही के शेयर में बीस फीसदी की गिरावट देखी गई। 

Paytm के शेयर की कीमत छः सौ नौ रुपये तक पहुंच गई जो बीते छह सप्ताह की सबसे निचला स्तर है आरबीआई ने इकतीस जनवरी को एक बयान जारी कर कहा कि Paytm की ऑडिट रिपोर्ट और बाहरी और ट्रस्ट की रिपोर्ट पर पाया गया है कि Paytm ने लगातार नियमों का उल्लंघन किया है। 

इसलिए बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के 35 A नियम के तहत उनत्तीस फरवरी के बाद Paytm Payments Bank में कोई भी डिपॉजिट ट्रांजैक्शन वॉलेट फ़ास्ट टैग का इस्तेमाल का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। 

साथ ही RBI ने यह भी कहा है कि Paytm को अपने ग्राहकों को बैलेंस निकालने और इसका इस्तेमाल करने की पूरी सुविधा देनी होगी यह सुविधा उन ग्राहकों के लिए भी होगी जिनके पास Paytm के से बैंक करंट अकाउंट है या फिर वो फ़ास्ट टैग का इस्तेमाल करते हैं। 

Paytm की पेरेंट कंपनी 197 कम्युनिकेशन यानी की OCL ने कहा है कि Paytm Payments Bank आरबीआई के निर्देशों के अनुपालन के लिए काम कर रही है और अब ये काम और तेजी से किए जाएंगे अपने बयान में उन्होंने कहा कि पेमेंट कंपनी होने के नाते OCL पेटीएम पेमेंट्स

बैंक ही नहीं बल्कि कई बैंकों के साथ काम करती है हम इस प्रक्रिया को तेज कर रहे हैं और जब से रोक लागू होगी तब हम पूरी तरह से अपने बैंक पार्टनर पर निर्भर हो जाएंगे। Paytm की पेरेंट कंपनी 197 कम्युनिकेशंस के पास प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट यानी पीपीआई लाइसेंस है जिसे साल दो हज़ार सत्रह में Paytm Payments Account शुरू करने के लिए इस्तेमाल किया गया था। 

पेमेंट बैंक में केवल पैसे जमा किए जा सकते हैं लेकिन उनके पास कर्ज देने का अधिकार नहीं है कि डेबिट कार्ड तो  जारी कर सकते हैं लेकिन क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए किसी लेंडर रेगुलेटर के साथ डील करनी पड़ेगी यानी यह एक ऐसा बैंक अकाउंट है जिसमें पैसे रखे जा सकते हैं आमतौर पर मर्चेंट्स को भुगतान मिलता है

है वह उनके Paytm पेमेंट अकाउंट में जाता है और फिर उनके बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर हो जाते हैं इसके बदले में Paytm अपने ग्राहकों को क्रेडिट प्वॉइंट्स देता है।  

अगर आपने अपने Paytm Payments Account को किसी निजी या सरकारी बैंक से जोड़ रखा है तो आपका वॉलेट भी काम करता रहेगा और यूपीआई पेमेंट का भी आप इस्तेमाल करते रह सकते हैं लेकिन अगर आप Paytm 

बैंक से लिंक वॉलेट का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आप ऐसा नहीं कर पाएंगे। उन्तीस फरवरी के बाद से न तो बैंक अकाउंट पर हैं और ना तो वॉलेट में कोई क्रेडिट लिया जा सकेगा जो दुकानदार अपने Paytm Payments Bank Account में पैसा रिसीव करते हैं वह पेमेंट रिसीव नहीं कर पाएंगे इसकी वजह यह है कि उनके अकाउंट पर

की अनुमति नहीं है लेकिन कई व्यापारियों या कंपनियों के पास दूसरी कंपनियों के QR स्टिकर्स है जिनके पर ये वह डिजिटल पेमेंट्स स्वीकार कर सकते हैं अगर आप फ़ास्ट टैग इस्तेमाल करते हैं तो आरबीआई के नए फैसले के बाद कस्टमर्स फास्टैग के बचे हुए अपने बैलेंस को इस्तेमाल तो कर सकेंगे लेकिन फास्टैग अकाउंट में और पैसे नहीं डाल सकेंगे। 

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