Paytm पर आयी नयी आफत अब Investors का क्या होगा
Paytm पर आयी नयी आफत अब Investors का क्या होगा
Paytm के साथ पैदा हुए मुश्किलें थमती नजर नहीं आ रही है 31 जनवरी को रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर कड़ी पाबंदियां लगा दी इससे पेटीएम के शेयर महज 3 दिन में ही 42 फीसदी लुढ़क गए अभी पेटीएम के फाउंडर और सीईओ विजय शेखर शर्मा इसका इससे निपटने के लिए भागदौड़ कर ही रहे थे कि
Paytm के लिए एक और बुरी खबर आ गई है असल में पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर आरबीआई के एक्शन के बाद अब देश की सबसे बड़ी सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी ने पेटीएम के खिलाफ एक्शन लिया है।
सेंट्रल पॉजिटिव भी सर्विसेज इंडिया यानी CDSL ने पेटीएम मनी की कस्टम वेरिफिकेशन प्रोसेस की गहराई से जांच शुरू कर दी है पेटीएम मनी शेयरों में खरीद फरोख्त करने डीमैट खाता खोलने म्यूचुअल फंड खरीदने और NPS में इन्वेस्टमेंट की सर्विस देती है और इसके ग्राहकों की तादाद 2 करोड़ से ज्यादा है।
ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि पेटीएम मनी पर CDSL के एक्शन से इन्वेस्टर्स का क्या होगा? पेटीएम मनी एक वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी है जिसकी पैरेंट कंपनी 197कम्युनिकेशंस है.197 कम्युनिकेशंस ही पेटीएम के तमाम कारोबारों की पैरेंट कंपनी है। एक मीडिया रिपोर्ट में पेटीएम मनी पर CDSL के इस एक्शन शुरू होने की बात की गई है।
197 की तमाम इकाइयों की नो योर कस्टमर केवाईसी प्रक्रिया पर तमाम सवाल उठ रहे हैं और सीडीएसएल इस मामले में नई अथॉरिटी है जिसने पेटीएम पर शिकंजा कसा है इससे पहले रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर चाबुक चलाते हुए इसके तमाम कारोबारों पर पाबंदियां लगा दी थी। RBI ने अपने आदेश में साफ कर दिया था कि पेटीएम पेमेंट्स
बैंक को 29 फरवरी से अपनी सभी बैंकिंग सर्विसेज बंद करनी होगी इस आदेश के बाद अब पेटीएम एक बड़ी मुश्किल में फंस गई और विजय शेखर शर्मा को इस क्राइसिस को कंट्रोल करने में लगना पड़ा। शर्मा ने पहले रिजर्व बैंक के अफसरों से मुलाकात की और रिजर्व बैंक के आदेश को समझने की कोशिश की, कि आखिर Paytm
में यह अब चल क्या रहा है और ये कब बंद होगा इसके बाद शर्मा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की हालांकि बताया जा रहा है कि महज दस मिनट चली इस मुलाकात में शर्मा को साफ तौर पर बता दिया गया कि पेटीएम की क्राइसिस में सरकार का कोई रोल नहीं है और पेटीएम को आरबीआई के निर्देशों का पालन करना ही होगा।
हालांकि रिजर्व बैंक के आदेश का पेटीएम मनी पर कोई असर नहीं पड़ा था क्योंकि यह कंपनी स्वतंत्र तौर पर कामकाज करती है सीडीएसएल और एक और सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी, नैशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी, NSDL इन प्लेटफॉर्म्स का रेग्युलर ऑडिट करती है।
इस ऑडिट में देखा जाता है कि इन प्लेटफॉर्म्स में एंटी मनी लॉन्ड्रिंग और केवाईसी समेत तमाम दूसरे नियमों का सख्ती से पालन हो रहा है या नहीं पेटीएम मनी अपने यूजर्स को CDSL का डीमैट अकाउंट देती है सिक्योरिटीज जिसमें शेयरों का लेनदेन और म्यूचुअल फंड्स आते हैं वह बेहद रेगुलेटेड कारोबार है।
भारत के कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी के नियमों के तहत CDSL कई तरह के ऑडिट और रेगुलर रिव्यू करता है हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक पेटीएम ने इसे एक सामान्य प्रक्रिया बताया है। वेल्थ मैनेजमेंट बिजनेस में कस्टमर वेरिफिकेशन एक बेहद क्रिटिकल फैक्टर है। इन्वेस्टर्स के शेयरों को डीमैट फॉर्म में रखने वाली डिपॉजिटरी स्टॉक
ब्रोकर्स के सिस्टम और प्रक्रियाओं की लगातार चेकिंग करती है ताकि किसी भी तरह की खामियों को वक्त पर पकड़ा जा सके इसके अलावा एक्सचेंज भी ब्रोकर्स की इन तमाम प्रक्रियाओं पर चेकिंग करते रहते हैं। पेटीएम मनी की बात करें तो यह कस्टमर्स को डीमैट खाता खोलने शहरों में इन्वेस्ट करने म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने और
NPS यानी रिटायरमेंट फंड में पैसा लगाने की सर्विस देती है। पेटीएम मनी की साइट बताती है कि इसके यूजर्स की तादाद 2.1 करोड़ से ज्यादा है।
CDSL कि पेटीएम मनी पर केवाईसी समेत दूसरे सिस्टम्स के शुरू की गई जांच में क्या निकलता है यह देखना अहम होगा क्या इस जांच का असर पेटीएम मनी के स्टॉक म्यूचुअल फंड एनपीएस इन्वेस्टर्स पर पड़ेगा यह एक बड़ा सवाल पैदा हो रहा है लेकिन पेटीएम क्राइसेस फिलहाल खत्म होती नहीं दिख रही और इसका असर गुरुवार को एक दफा ऑफ फिर से पेटीएम के शेयरों पर दिखाई दिया है।
गुरुवार को पेटीएम के शेयरों में फिर से दस फीसदी का लोअर सर्किट लग गया और शेयर 446.5 रुपए पर आ गए। अब देखना ये होगा कि पेटीएम की क्राइसिस को विजय शेखर शर्मा कैसे संभालते हैं।
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