अब सभी गाड़ियों में GPS होगा Satellite रखेगा नजर
अब सभी गाड़ियों में GPS होगा Satellite रखेगा नजर
दोस्तों क्या आपको पता है की 2024 के इलेक्शन से पहले इंडिया के अंदर सड़कों पर काफी बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है क्योंकि ऐसा बताया जा रहा है कि 2024 के इलेक्शन से पहले Satellite based toll collection का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया जाएगा।
आपको बता दूं कि फास्टैग को 2016 में पहली बार रोलआउट किया गया था और जनवरी 2021 से फास्टैग को सभी वाहन के लिए मैंडेटरी कर दिया गया था और आपकी जानकारी के लिए में आपको बता दूं कि अभी तक टोटल 8 करोड़ 13 लाख फ़ास्ट टैक्स को ईशू किया जा चुका है।
हम कह सकते हैं कि अभी तक इंडिया के अंदर आठ करोड़ तेरह लाख गाड़ियों में फास्टैग को लगाया जा चुका है और करंट लिए लगभग नाइंटी एक परसेंट वीइकल्स में फास्टैग को इस्तेमाल किया जा रहा है।
लेकिन आने वाले कुछ महीनों में हो सकता है कि आपको फास्टैग का इस्तेमाल न करना पड़े क्योंकि 2024 के लोकसभा इलेक्शन से पहले Satellite based toll collection को इम्प्लीमेंट किया जाएगा।
Satellite based toll collection आखिर काम कैसे करता है
ऐसा बताया जा रहा कि Satellite based toll collection के लिए सभी गाड़ियों के अंदर एक OBU नाम के फीचर को लगाया जाएगा जिसे ऑन बोर्ड यूनिट के नाम से जाना जाता है। यह ओबीओ यानी कि ऑनबोर्ड यूनिट नाम का फीचर है वह डायरेक्टली सेटेलाइट से कनेक्टेड होगा।
यह ओबीओ नाम का फीचर एक विकल्प ट्रैकिंग डिवाइस की तरह ही काम करेगा क्योंकि मैं आपको बता दूं कि इंडिया के अंदर अभी डेंजरस कैमिकल ट्रांसपोर्ट करने वाले भी होते हैं उनके अंदर भी व्हीकल ट्रैकिंग डिवाइस को लगाया जाता है ताकि उनको ट्रैक किया जा सके।
और कुछ किसी प्रकार से सभी गाड़ियों में आपको ओबीओ नाम का एक फीचर देखने को मिलेगा जो सेटेलाइट के एक ग्रुप से कनेक्टेड होगा। इसके अलावा ऐसा बताया जा रहा है कि ओबीओ को आपके वॉलेट से लिंक किया जाएगा और इसी कारण जो टोल टैक्स की अमाउंट ऑटोमेटिकली आपके वॉलेट से कम जाएगी।
यूनियन मिनिस्टर नितिन गडकरी जी के द्वारा कुछ समय पहले राज्यसभा में यह बताया गया कि सेटेलाइट बेस्ड टोल कलेक्शन के द्वारा जो आपके वीकल के रजिस्ट्रेशन
प्लेट होती है उसकी फोटो को कैप्चर कर लिया जाएगा और उसके बाद आपकी हाईवे के जो लंबाई है उसके बेसिस पर टोल टैक्स की अमाउंट को आपके वॉलेट से काट लिया जाएगा और नितिन गडकरी जी के द्वारा बताया गया कि इस सैटेलाइट बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम के द्वारा फास्टैग वाले टोल कलेक्शन सिस्टम को कंपलीटली बंद कर दिया जाएगा।
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लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि इस Satellite based toll collection सिस्टम को अभी इंडिया में कहां पर टेस्ट किया गया है क्योंकि जैसा कि हम जानते हैं कि सेटेलाइट बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम काफी ज्यादा एडवांस है ऐसे में इसको टेस्ट करना और इसका ट्रायल रन कंडक्ट कराना बहुत ही ज्यादा इम्पोर्टेन्ट हो जाता है
क्योंकि अगर इसको सक्सेसफुली टेस्ट नहीं किया गया तो इसका तो इम्पैक्ट है वो सभी लोगों पर होगा जो कि हाईवे पर ट्रैवल करेंगेतो आपकी जानकारी के लिए मैं आपको बता दूं कि इस सैटेलाइट बेल टोल कलेक्शन सिस्टम को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के द्वारा इम्प्लिमेंट किया जा रहा है और यहां पर एनएचएआई का कहना है कि
उन्होंने इस टेक्नोलॉजी को दिल्ली और गुड़गांव में टेस्ट कर लिया है और काफी जल्दी बैंगलोर में भी इस टेक्नोलॉजी को लेकर ट्रायल्स को कंडक्ट किया जाएगा लेकिन ऐसा बताया जा रहा है कि इस टेक्नोलॉजी को पूरी तरह से इंडिया के अंदर
पेमेंट करने के लिए नेशनल हाइवे फिर रूट में कुछ बड़े बदलाव करने पड़ेंगे क्योंकि यह जो सेटेलाइट बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम है यह बेसिकली डिस्टेंस के हिसाब से टोल टैक्स को कनेक्ट करेगा और उसके लिए जो पुराने टोल टैक्स के नियम है उनमें बदलाव किया जाएगा इसके अलावा ने डी एड के मोटर वीइकल ऐक्ट में भी बदलाव करना पड़ेगा।
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